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मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रागी मिल्क शेक रेसिपी ragi milk shake recipe

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  रागी मिल्क शेक रेसिपी बनाना ragi milk shake recipe रागी finger millet एक मोटा अनाज है। इसे रागी मडवा और मंडिया कहते हैं। छत्तीसगढ़ के   बस्तर में इसे मंडिया कहते हैं। यह सरसों के दाने की तरह लाल भूरे रंग के होते हैं। यह फाइबर युक्त होता है। मधुमेह और दिल को स्वस्थ रखने में रागी उत्तम है। रागी के बीज में प्रोटीन आयरन कैल्शियम पाया जाता है। रागी के आटे से डोसा, इडली, हलवा, खीर आदि खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं। रागी के आटे और चावल को एक साथ पकाया जाता है।इस तरह मंडिया पेज बनाया जाता है, यह बस्तर में बहुत लोकप्रिय है। मंडिया पेज को पीने से गर्मी और लू से बचाव होता है। रागी मिल्क शेक कैसे बनाते हैं ब्रेड मलाई चाप  पढ़ें मिल्क शेक बनाने के लिए रागी के पाउडर का  उपयोग किया जाता है। रागी के आटा बनाने के लिए रागी को धोकर सुखा कर  पीसकर पाउडर बना लेते हैं। रागी के आटे को पानी में मिलाकर घोल लिया जाता है। इस तरह घोल बना लेते हैं। सामग्री रागी का आटा या पाउडर एक छोटी कटोरी पानी तीन गिलास उबला हुआ दूध डेढ़ गिलास  शक्कर 1 कटोरी बादाम 12 से 15 काजू 12 से 15 इलायची 2 ...

एलोवेरा का शरबत

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 एलोवेरा का शरबत एलोवेरा को घृतकुमारी, ग्वारपाठा,घी कुमारी आदि नाम से जाना जाता है। यह गहरे हरे रंग का पौधा है इसके पत्ते मांसल और  गूदेदार होते हैं। एलोवेरा के बहुत फायदे हैं। इसमें विटामिन, फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम आदि पोषक तत्व रहता है। एलोवेरा पेट, त्वचा, सनबर्न, और बालों के लिए फायदेमंद है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। एसिडिटी, कब्ज, पेट के अल्सर में फायदा करता है। कोलेस्ट्रॉल को कम करता है आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसका वर्णन है। एलोवेरा से जहां फायदे हैं, वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं। इसके सेवन से डायरिया हो सकता है। यह रेचक होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक होता है। इसके ज्यादा मात्रा में सेवन से पेट में जलन मरोड़ होता है। और  त्वचा में जलन भी हो सकती है। इसमें पाए जाने वाले लैक्सेटिव पदार्थ के कारण डीहाइड्रेशन भी हो सकता है। औषधि के रूप में एलोवेरा का उपयोग करते समय  30 मिली जूस पी सकते हैं। नारियल मसाला कप्पा एलोवेरा का शरबत कैसे बनाते हैं सामग्री एलोवेरा की पत्तियां एक बड़ी पत्ती या छोटी है तो दो ले सकते हैं  गुड आधा कटोरी  अदरक 1 इंच का ...

आम का केरला स्टाइल अचार रेसिपी mango pickle

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 आम का केरला स्टाइल अचार Kerala style  mango achar recipe केरल में आम के मौसम में आम से कई प्रकार के अचार मुरब्बा शरबत जैम जेली और व्यंजन बनाए जाते हैं। आम का देसी अचार जिसे केरल में कदुमंगा अचार कहते हैं। यह अचार आम और सरसों के दाने मिलाकर बनाया जाता है। इसमें कडु सरसों और मांगा आम को कहते हैं। यह अचार बहुत जल्दी बनता है। इसका तुरंत उपयोग किया जा सकता है। अतः विवाह या त्योहारों में इस अचार को बनाया जाता है। तुरंत उपयोग में लाया जाता है। यह केरल का पारंपरिक देसी अचार है। गिलोय की चटनी कैसे बनाते हैं  इसे भी पढ़ें कदु मांगा अचार बनाने के लिए सामग्री कच्चे ताजे आम 3 या 1/2 किलो कैरी का भी उपयोग किया जा सकता है। हल्दी पाउडर 2 टीस्पून मिर्च पाउडर 1 टी स्पून सरसों दाने 3 से 4 चम्मच मेथी दाना डेढ़ चम्मच भूनकर कूटा हुआ हींग1/2 टीस्पून तेल नारियल तेल या सरसों तेल 1 पाव कढीपत्ता 12 से 15 हरी मिर्च 10 से 12 कटी हुई नमक 4 से 5 चम्मच स्वाद अनुसार यह सामग्री आधा किलो आम बनाने के लिए है। यदि ज्यादा बनाना है, तो उसके हिसाब से मसालों की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। कदुमंगा अचार बनाने की विधि...

अक्षय तृतीया Akshay tritiya

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 अक्षय तृतीया हिंदुओं का त्यौहार Akshay tritiya Hindu festival  अक्षय तृतीया शुभ दिन माना जाता है। इस दिन किया जाने वाला किसी भी तरह का कार्य क्षय नहीं होता है, ऐसी हिंदू मान्यता है। अक्षय तृतीया का दिन जीवन में खुशहाली और सौभाग्य  देने वाला दिन है। अक्षय तृतीया हिन्दूओं के द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है। इसे वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे अखा तीज, अकती कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश और वेद व्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की थी। अक्षय तृतीया के दिन लोग व्रत रखते हैं। और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं।  दान दक्षिणा दान पुण्य का कार्य किया जाता है। अक्षय तृतीया से कृषि कार्य की शुरुआत Start of agricultural work अक्षय तृतीया के दिन से कृषक कृषि की तैयारी करने लग जाते हैं। इस दिन से खेतों में बीज बोने  कृषि कार्य आदि की शुरुआत करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन लोग नए सामान खरीदते हैं। सोना और सोने के आभूषण खरीदते हैं।इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान अक्षय तृतीया के दिन खरीदते हैं। अक्षय तृतीया विवाह...

केरला बोंडा kerala Bonda

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 केरला बोंडा उंडन पोरी कैसे बनाते हैं। केरला बोंडा उंडन पोरी केरला बोन्डा गेहूं के आटे से बनने वाला एक मीठा पकवान है। इसे उंडनपोरी भी कहते हैं, अर्थात तेल में तला हुआ गोला । इसे बनाना बहुत आसान है घर में ही उपलब्ध चीजों से यह  झटपट बन जाता है। यह खाने में स्वादिष्ट होता है। बोंडा मुख्य रूप से गेहूं के आटे से निर्मित होने वाला एक पकवान है दूध पाउडर बर्फी  इसे भी पढ़ें बोंडा बनाने के लिए सामग्री गेहूं का आटा डेढ़ कप सूजी 1/2 कप गुड कुटी हुई 2 कप  इलायची पाउडर 1/2  जीरा दर-दरा कुटी 1 चम्मच  पका केला 2 मध्यम आकार के  नारियल बारीक टुकड़ों में  कटी हुई 1/2 कटोरी  खाने का सोडा 1/2 सोडा चम्मच नमक चुटकी भर  तेल तलने के लिए विधि गुड को  एक बर्तन में एक कप पानी डालकर चासनी बनाना है। कुटी हुई गुड़ मिलाकर भी बोंडा बनाया जा सकता है। चासनी ठंडी होने पर उसमें पका केले का टुकड़ा डालेंगे। गेहूं का आटा मिलाएंगे सूजी डालेंगे। सभी चीजों को हाथों से मसलकर गाढ़ा घोल बना लेंगे। नमक मिलाएंगे। अच्छी तरह मिक्स होने पर जीरा और इलायची पाउडर मिलाएंगे। नारियल के ...

मेथी ब्रेड पकोड़ा methi bread pakora

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 मेथी ब्रेड पकोड़ा methi bread pakora Fenugreek leaves bread pakora  ठंड के मौसम में कई प्रकार की सब्जियां बाजार में उपलब्ध होती हैं। उनमें पत्तेदार सब्जियां भाजी बहुतायत में मिलती है। पालक मेथी चौलाई आदि पत्तेदार सब्जियां। इस तरह की पत्तेदार सब्जियों का सेवन ठंड के मौसम में जब यह उपलब्ध होती है। तब किया जाना चाहिए। आजकल हर मौसम में पत्तेदार सब्जियां उपलब्ध होती है। यह पोषक गुणों से भरपूर होती है और स्वादिष्ट होती है। मेथी की सब्जी मेथी की पत्तियां विशेष रूप से स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं। पत्तेदार सब्जियों में आयरन बहुतायत में होती है। इससे एनीमिया दूर होता है। मेथी के पत्तों से एक नया ब्रेड पकोड़ा बनता है इसमें ब्रेड के पकोड़े बनाने के लिए मेथी की पत्तियों को बारीक काटकर लिया जाता है। मेथी की पत्तियां पसंद करने वालों को मेथी ब्रेड पकोड़ा बहुत स्वादिष्ट लगती है। पत्तेदार मेथी से बनने वाला पकोड़ा स्वादिष्ट होता है। सामग्री ब्रेड के स्लाइस या टुकड़े 6  तेल तलने के लिए  बेसन 2 कटोरी  मेथी के पत्ते बारीक कटे हुए 1 कटोरी  प्याज 1  हरी मिर्च 2 से 3 ...

गिलोय की चटनी Giloy ki chatney

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गिलोय की चटनी Giloy ki chatney  गिलोय बुखार के लिए रामबाण औषधि है। इसे जीवंतिका, अमृता के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग डेंगू बुखार, मलेरिया, चिकनगुनिया रोगों से बचने के लिए किया जाता है। यह पुराने बुखार को ठीक करता है। इसकी पत्तियां और तने को पीसकर उपयोग में लाया जाता है, या काढ़ा बनाकर उपयोग में लेते हैं। इस की तासीर गर्म होती है। गिलोय के रस को 20 से 30 मिली ग्राम तक का ही उपयोग करना चाहिए। यह मधुमेह रोगियों के लिए लाभदायक होता है। इसका उपयोग चिकित्सक की सलाह से ही किया जाना चाहिए। यह रक्त में शर्करा की मात्रा को बहुत कम कर देता है। जिससे अन्य समस्या हो सकती हैं। गिलोय पाचन तंत्र को ठीक रखता है। अतिसार और दस्त में यह फायदा करता है। गैस बदहजमी जलन पेट से संबंधित रोग गिलोय से ठीक होते हैं। पर किसी किसी को गिलोय से कब्ज हो जाता है। अतः चिकित्सक की सलाह पर इसका सेवन करना चाहिए। गिलोय रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है। गिलोय को घर पर उपयोग करने के लिए इसका काढ़ा बनाकर उपयोग किया जाता है। काढ़ा के अलावा गिलोय की चटनी बनाकर इसे उपयोग में लाया जाता है। गिलोय की चटनी का उपयोग बहुत कम मा...

बेल का शरबत Bael sharbat

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बेल का शरबत बनाना making Bael sharbat wood apple fruit sharbat  गर्मियों के शुरू होते ही बेल का फल बहुतायत में मिलता है। इस समय बेल पकने का समय होता है। अप्रैल और मई महीने में बेल पूरी तरह पक कर गिरने लगते हैं।यह फल पीले रंग का होता है, इसके ऊपर का आवरण बहुत कठोर होता है। बेल का फल शरीर को ठंडक देता है, लू से बचाव करता है। यह फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। गर्मियों के दिनों में बेल का शरबत पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह कब्ज दूर करता है। शरीर में खून की कमी को दूर करता है। इसे बेल और बिल्व कहते हैं। बेल का वृक्ष भगवान शंकर का प्रिय वृक्ष है।बेल की पत्तियों को भगवान शंकर की पूजा में चढ़ाया जाता है। बेल का शरबत बनाने के लिए बेल के फल को किसी भारी वस्तु से तोड़कर इसका खोल निकालते हैं। यह बहुत कड़ा आवरण होता है। बेल के गूदे को निकालकर इसे पानी में अच्छी तरह मसल कर  रेशे और बीज को छानकर अलग कर लेते हैं। अब यह बेल का रस शरबत बनाने के लिए तैयार है। बेल का शरबत बनाने के लिए सामग्री बेल का रस 2 गिलास  शक्कर ढ़ाई गिलास  साइट्रिक एसिड दानेदार या नींबू का सत डेढ़ चम्मच ...