अक्षय तृतीया Akshay tritiya
अक्षय तृतीया हिंदुओं का त्यौहार Akshay tritiya Hindu festival
अक्षय तृतीया शुभ दिन माना जाता है। इस दिन किया जाने वाला किसी भी तरह का कार्य क्षय नहीं होता है, ऐसी हिंदू मान्यता है। अक्षय तृतीया का दिन जीवन में खुशहाली और सौभाग्य देने वाला दिन है। अक्षय तृतीया हिन्दूओं के द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है। इसे वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे अखा तीज, अकती कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश और वेद व्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना की थी। अक्षय तृतीया के दिन लोग व्रत रखते हैं। और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। दान दक्षिणा दान पुण्य का कार्य किया जाता है।
अक्षय तृतीया से कृषि कार्य की शुरुआत Start of agricultural work
अक्षय तृतीया के दिन से कृषक कृषि की तैयारी करने लग जाते हैं। इस दिन से खेतों में बीज बोने कृषि कार्य आदि की शुरुआत करते हैं। अक्षय तृतीया के दिन लोग नए सामान खरीदते हैं। सोना और सोने के आभूषण खरीदते हैं।इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान अक्षय तृतीया के दिन खरीदते हैं।
अक्षय तृतीया विवाह के लिए शुभ दिन
अक्षय तृतीया के दिन विवाह का मुहूर्त देखे बिना विवाह कार्य संपादित किया जाता है। इस दिन किया गया कोई भी कार्य क्षय या नष्ट नहीं होता है। इस दिन को अक्षय माना जाता है। इस दिन माता पिता अपने पुत्र पुत्रियों का विवाह आयोजित करते हैं। अक्षय तृतीया को विवाह के लिए बहुत शुभ दिन माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अक्षय तृतीया के दिन पुतरी पुतरा बिहाव अर्थात गुड्डा और गुड़िया का विवाह के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन बच्चे अपने अपने गुड्डे गुड़िया की विवाह करते हैं। जिसमें वर और वधू दोनों के परिवार की भूमिका बच्चों द्वारा निभाई जाती हैं। बालक बालिका पूरी रीति से विवाह का कार्यक्रम आयोजित करते हैं। गांव और शहरों में बच्चे अपने अपने गुड्डा और गुड़िया का विवाह आपस में मिलजुल कर करते हैं। इस कार्य में माता-पिता भी सहयोग करते हैं वर पक्ष के द्वारा बारात लाया जाता है। जिसमें खानपान की व्यवस्था करते हैं ।अक्षय तृतीया या अकती का दिन बच्चों में खूब लोकप्रिय है।
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