कृषकों का त्यौहार विषुvishu the festival of farmers
केरल का प्रमुख त्यौहार विषु vishu the major festival of kerala
विषु त्यौहार केरल का एक प्रमुख त्यौहार है। विषु का त्यौहार भारत वर्ष के केरल राज्य में मनाया जाता है। विषु का त्यौहार अप्रैल में मनाया जाता है। यह मलयालम माह के नव वर्ष के पहले दिन मनाया जाता है। विषु का अर्थ होता है समान। यह त्यौहार उस समय मनाया जाता है, जब सूर्य विषुवत रेखा के आसपास होते हैं। जब दिन और रात समान होते हैं।
प्रचलित कथा
पुराणों के अनुसार इस दिन श्री कृष्ण भगवान नरकासुर का वध किए हुए थे। एक कथा रावण की प्रचलित है, इस कथा के अनुसार सुबह सूर्य का आगमन होने पर रावण के महल में सूर्य का प्रकाश फैल जाता है। तब रावण की नाराजगी के कारण सूर्य सीएच में नहीं उगते हैं। राम रावण युद्ध में रावण के मारे जाने के बाद भगवान सूर्य धरती की सीएच में विचरण करने लगते हैं। इस खुशी में विषु का त्यौहार मनाया जाता है। यह त्यौहार कृषि से जुड़ा हुआ है, जब नई फसल किसानों के घर में पहुंचते हैं। और कृषक अपनी मेहनत का फल पाते हैं।
विषु के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।विषु के दिन सर्वप्रथम श्री कृष्ण भगवान के दर्शन किए जाते हैं। विषु के दिन मंदिर में और घरों में श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति के सामने एक पात्र में मौसमी फल, फूल, नए वस्त्र, नारियल, धान, चावल, सिक्का, सोना और कनिकोण फूल golden shower flowers या पीले अमलतास के फूल से भगवान की सजावट की जाती है। घी के दीपक जलाए जाते हैं। घर की माताएं भगवान की सजावट परिवार के सदस्यो के जागने के पूर्व ही कर लेती हैं। माता-पिता अपने हथेलियों से बच्चों की आंखें मूंदकर उन्हें भगवान के सामने लाते हैं, और भगवान का दर्शन करवाते हैं। जिसे कणिकानल कहते हैं। सुबह सर्वप्रथम श्री कृष्ण भगवान के रूप का दर्शन करते हैं ताकि नए साल में पूरे साल जीवन में खुशहाली समृद्धि बनी रहे।
इस दिन बड़ों के द्वारा अपने से छोटों को संकेतक रुपए पैसे भेंट देने की परंपरा है। जिसे कईनीटम कहते हैं। यह त्यौहार समृद्धि और भाग्य का प्रतीक है। इस दिन मलयालम नव वर्ष का आगमन होता है। लोग नए वस्त्र पहनते हैं, घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं। और विषु कट्टा चावल से बनने वाला एक खाद्य पदार्थ है। जिसे विषु के दिन विशेष रूप से बनाया जाता है। बच्चे पटाखे फोड़ते हैं, भोज का आयोजन किया जाता है। केले के पत्तों में सद्या अर्थात भोज का आयोजन होते हैं। जिसमें परिवार के सभी सदस्य शामिल हैं। इस तरह नई फसल आने का त्योहार मनाया जाता है।
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